A एवं R दोनों सही है तथा R, A का सही व्याख्या है।
A एवं R दोनों सही हैं परन्त R, A की सही व्याख्या नही ं है।
A सही है , परन्तु R गलत है
A गलत है , परन्तु R सही है।
अवमूल्यन का अर्थ की मुद्रा के बाह्रा मूल्य को कम करना है। इसके अंतर्गत मुद्रा का आन्तरिक क्रयशक्ति में कोई परिवर्तन नहीं किया जाता है। जब अवमूल्यन किया जाता है तो देश की मुद्रा के बाह्रा मूल्य में अन्य देशों की मुद्राओं की अपेक्षा कम हो जाती है जबकि विदेशी मुद्राओं के मूल्य में वृद्धि होती है। इसके परिणामस्वरूप देश के आयातों की घरेलू कीमत बढ़ जाती है और निर्यातों की विदेशी कीमत गिर जाती है। इससे देश की निर्यात वस्तुएं विदेशों मे ंसस्ती हो जाती है। क्योंकि विदेशी पहले से कम मुद्रा द्वारा अधिक माल खरीद सकते है। इसमें निर्यात प्रोत्साहित होते है, दूसरी ओर अपने देश में जो आयतित माल आएगा वह पहले से महंगा होगा इससे आयात निरुत्साहित होंगे। परिणामस्वरूप अवमूल्यन से जब निर्यात बढ़ेंगे और आयात कम होंगे तो देश का भुगतान शेष संतुलन की ओर अग्रसर होगा। भारत में मुद्रा का अवमूल्यन अब तक तीन बार (1949 , 1966 व 1991 ) में किया गया है।
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