अवधी
ब्रज
खड़ीबोली
राजस्थानी
सूरदास जी भक्तिकालीन सगुण काव्यधारा के कृष्ण भक्ति शाखा के प्रमुख कवि है। इनकी तीन रचनाएँ हैं। सूरसागर, सूरसरावली और साहित्य लहरी। सूरदास जी की भाषा ब्रजभाषा थी। हिन्दी साहित्य में भ्रमरगीत काव्य परम्परा का प्रवर्तन सूरदास जी ने किया है।
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