गति प्रेरक का कार्य होता है-

  • 1

    यह ह्रदय स्पन्दन कम करता है।

  • 2

    यह ह्रदय स्पन्दन को समंजित करता है

  • 3

    यह ह्रदय स्पंदन बढ़ाता है

  • 4

    यह ह्रदय में रूधिर प्रवाह तेज करता है

Answer:- 2
Explanation:-

गति प्रेरक का कार्य ह्रदय को समंजित करना है। इसकी आवश्यकता उस समय पड़ती है जब ह्रदय असामान्य गति से कार्य करने लगता है जब स्पंदन दर 72-80 से गिरकर 30-40 के स्तर पर पहुँच जाती है तो गति प्रेरक उसे 72 से 80 के स्तर पर लाता है। 

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