गर्मियों में दिन लम्बे होते है।
कुण्डली में घर्षण होता है।
लोलक की लम्बाई बढ़ जाती है
लोलक के भार में परिवर्तन हो जाता है।
सरल लोलक का आयर्तकाल प्रभावी लम्बाई के वर्गमूल के अनुक्रमानुपाती होता है। लोलक की लम्बाई बढ़ने पर आवर्तकाल बढ़ता है व घटने पर घटता है। गर्मियों में भी ऊष्मीय प्रसार के कारण लोलक की लम्बाई बढ़ जाने के कारण आवर्त काल बढ़ जाता है जिससे घड़ी सुस्त हो जाती है।
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