क्रस्ट और मेंटल
ऊपरी मेंटल और निचला मेंटल
पृथ्वी का सिलिकेट मेंटल और इसका तरल लोहा-निकल बाहरी कोर
ऊपरी कोर और निचले कोर
निचले मेंटिल (सिलिकेट) व वाह्य कोर (लोहा-निकल का तरल भाग' की सीमा (2900 किमी. की गहराई पर) को विद्वान गुटेनबर्ग के नाम पर गुटेनबर्ग असम्बद्धता कहा जाता है क्योंकि इस सीमा से नीचे घनत्व में अचानक वृद्धि हो जाती है। क्रस्ट व मेंटिल की सीमा पर 'मोहो असम्बद्धता', उपरी मेंटिल व निचली मेंटिल की सीमा पर रेपेटी असम्बद्धता' तथा उपरी कोर व निचली कोर के मध्य ‘लेहमैन असम्बद्धता’ पायी जाती है।
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