1 तथा 2
2 तथा 3
3 तथा 4
1 तथा 4
वनों के व्यापक विनाश तथा खेती योग्य भूमि के विस्तार किये जाने के कारण पक्षियों के वास-स्थल बहुत कम हो गये हैं। इसके अतिरिक्त कीटनाशकों, रासायनिक उर्वरकों एवं मच्छर भगाने वाली दवा के व्यापक प्रयोग के दुष्प्रभाव से बहुत से पक्षी मृत्यु के शिकार हो गये हैं।
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