केवल 1
1 एवं 2
1, 2 एवं 3
1, 2 एवं 4
उन्नीसवीं सदी को भारत में धार्मिक एवं सामाजिक पुनर्जागरण की सदी माना गया। इस समय कम्पनी की पाश्चात्य शिक्षा पद्धति से आधुनिक तत्कालीन युवा मन चिन्तनशील हो उठा। इस आंदोलन ने बुद्धिजीवी वर्गों, नगरीय उच्च जातियों तथा उदार रजवाडों की मुख्य रूप से आकर्षित किया।
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