फ्लोएम टिशू
पैरेनकाइमा टिशू
मेरिस्टेम
जाइलम टिशू
संवहनी पौधों में जल का संवहन जाइलम टिशू द्वारा तथा खनिजों को फ्लोएम टिशू द्वारा पौधों के विभिन्न भागों में पहुँचाया जाता है। जाइलम को प्राय: काष्ठ भी कहते हैं। यह संवहनीय ऊतक है। इसके दो मुख्य कार्य हैं- 1. जल एवं खनिज लवणों का संवहन एवं 2. यांत्रिक दृढ़ता प्रदान करना। पौधे की आयु की गणना जाइलम ऊतक के वार्षिक वलय को गिनकर ही का जाती है। पौधों के आयु के निर्धारण की यह विधि डेण्ड्रोक्रोनोलॉजी कहलाती है।
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