सरकार को लगान देना बंद करना
जमींदारों के अधिकारों की रक्षा करना
सत्याग्रह की समाप्ति
खरीफ और रबी के समय सरकार को लगान बराबर देना
अवध का आंदोलन सन् 1920 मं मदारी पासी के नेतृत्व में लगान में बढ़ात्तरी के विरुद्ध हुआ था, जो अवध के बाराबंकी , हरदोई, बहराइच , सीतापुर इत्यादि क्षेत्रों में विस्तृत था। इस आंदोलन में छोटे जमींदार भी शामिल हुए थे। इस समय लगान की दर 50% से अधिक पहुंच गयी थी। चूंकि इस आंदोलन के नेतृत्वकर्ता पिछड़ी जाति के मदारी पासी एवं कुछ ऐसे नेताओं ने किया, जो कांग्रेस या खिलाफत नेताओं के आंदोलन के प्रति पूर्णतः प्रतिबद्ध नहीं थे। मार्च सन् 1922 तक इस आंदोलन को कुचल दिया ।
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