हर्ट्ज
आइंस्टीन
प्लांक
बोर
किसी पदार्थ द्वारा बहुत ही छोटी तरंगदैर्ध्य के विद्युत चुंबकीय विकिरण से ऊर्जा के अवशोषण के फलस्वरूप उसमें से इलेक्ट्रॉन का उत्सर्जन होता है। इसे प्रकाश विद्युत प्रभाव के नाम से जाना जाता है। इस प्रवाभ की खोझ सर्वप्रथम 1887 ई. में हेनरिच हर्ट्ज ने की थी। इस घटना को हर्ट्ज प्रभाव के नाम से भी जाना जाता है। आइंस्टाइन की प्रकाश वैद्युत प्रभाव की व्याख्या एवं इसके नियम के आविष्कार का श्रेय प्राप्त है। इस कार्य के लिए इन्हें वर्ष 1921 में नोबेल पुरस्कार भी प्रदान किया गया था।
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