जन्म से 2 वर्ष तक
3 से 6 वर्ष तक
7 वर्ष से किशोरावस्था तक
किशोरावस्था में
जन्म से 6 वर्ष तक की अवस्था को शैशवावस्था कहा जाता है। शैशवावस्था का अंतिम चरण 3-6 वर्ष जिसे पूर्व बाल्यावस्था भी कहते हैं। ये बालक स्वयं की खुशी की चिंता करता है। इसलिए इस अवस्था को स्वकेंद्रित अवस्था भी कहा जाता है।
Post your Comments