घन वाद्य
तन्तु वाद्य
सुषिर वाद्य
इनमें से कोई नहीं
अकुम एवं तोड़ी सुषिर वाद्य यन्त्र हैं। मूल साक्स-होर्न बोस्टेल पद्धति ने वाद्ययन्त्रों को चार मुख्य समूहों में वर्गीकृत किया है। घन वाद्य - यह स्वंय के कम्पन्न द्वारा ध्वनि उत्पन्न करते है जैसे - जायलोफोन, रैटल अवनद्ध वाद्य - यह एक झिल्ली के कम्पन्न से ध्वनि उत्पन्न करते है - जैसे ड्रम। तत-तन्तु वाद्य यह तारे के कम्पन से ध्वनि उत्पन्न करते है - जैसे - पियानो या सेलो। सुषिर वाद्य - यह हवा के खण्डों से कम्पन ध्वनि उत्पन्न करते है जैसे - पाइप आर्गन या नफीरा (ओबो)।
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