वे एक लोकप्रिय शिक्षक बने
उन्होंने एक लोकप्रिय अखबार शुरू किया
सरकार ने उन्हें रैण्ड मर्डर केस में अभियुक्त बनाया
उन्होंने शिवाजी और गणपति उत्सव शुरू किया
बाल गंगाधर तिलक को ‘लोकमान्य की उपाधि 1897 ई. में रैण्ड हमहर्स्ट की हत्या के बाद चले मुकदमें के दौरान किया गया। रैण्ड की हत्या का समर्थन करने के कारण तिलक को 18 महीने की जेल हुई थी ।
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