आर्यभट्ट
भास्कर
ब्रह्रागुप्त
वराहमिहिर
आर्यभट्ट गुप्तकालीन वैज्ञानिक, गणितज्ञ एवं ज्योतिषी माने जाते है। इनकी प्रसिद्ध रचना ‘आर्यभट्टीय’ है। अपनी इस रचना में उन्होंने प्रमाणित किया है कि ‘पृथ्वी गोल है तथा अपनी धूरी पर घूमती है। जिस कारण प्रतिदिन सुबह तथा शाम’ होती है। ‘शून्य’ की खोज का श्रेय भी आर्यभट्ट को दिया जाता है।
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