अलूरी सीताराम राजू
जोड़ानांग
झाबकर बापा
रानी गाईदिनलिऊ
हैपॉव जोड़ानांग ब्रिटिश काल में नागालैण्ड के राजनीतिज्ञ थे। उनका जन्म वर्ष 1905 में तामेंगलाँग जिले के कम्बीरॉन गाँव में हुआ था। ब्रिटिश सरकार ने उन्हें वर्ष 1931 में फाँसी दे दी। उन्होंने हेराका धार्मिक आन्दोलन की स्थापना की तथा स्वंय को ‘नागाओ का मसीहा’ घोषित किया। वह प्रथम आदिवासी नेता थे, जो महात्मा गाँधी के विचारो से प्रभावित हुए थे।
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