निर्देश: प्रस्तुत गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिए गए प्रशनों के उत्तर विकल्प से छाँटकर लिखिए। हमारा जीवन पाखंडमय बन गया है और हम इसके बिना नहीं रह सकते हैं। अपने सार्वजनिक जीवन अथवा निजी जीवन में कहीं भी देखें हम एक-दूसरे को छलने की कला का खुलकर उपयोग करते हैं, इसके बावजूद यह विश्वास करते हैं कि हम ऐसा कुछ भी नहीं कर रहे हैं। हम इस प्रकार की भाषा का प्रयोग करते है जिसकी उस अवसर पर कोई आवश्यकता नहीं होती। हम किसी भी बात को यह जानते हुए कि वह सही या सत्य नहीं है लेकिन उसके प्रति निष्ठा या विश्वास इस तरह प्रकट करते हैं कि जैसे हमारे लिए वही एकमात्र सत्य है। हम सब यह इसलिए सरलता से कर लेते हैं क्योंकि आज पांखड एवं दिखावा हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है। आज हम लोगों में से अधिकांश की स्थिति 'मुँह' में कुछ और मन में कुछ और' वाली बन गयी है । हमने जीवन का अभिन्न अंग किस बना लिया है?

  • 1

    भाषा को

  • 2

    पाखंड और दिखावे को

  • 3

    निष्ठा एवं विश्वास को

  • 4

    सरलता को

Answer:- 2

Post your Comments

Your comments will be displayed only after manual approval.

Test
Classes
E-Book