बच्चे समृद्ध भाषा-परिवेश में सहज और स्वत: रूप से भाषा में परमार्जन कर लेंगे
बच्चे भाषा की जटिल और समृद्ध संरचनाओं के साथ विद्यालय आते हैं
बच्चों की भाषा-संकल्पनाओं और विद्यालय में प्रचलित भाषा परिवेश में विरोधाभास ही भाषा सीकने में सहायक होता है
सुधार के नाम पर की जाने वाली टिप्पणियों व निरर्थक अभ्यास से बच्चों में अरूचि उत्पन्न हो सकती है
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