उनके अधिगम के कमजोर क्षेत्रों की पहचान करना और उसके अनुसार सुधारात्मक उपाय उपलब्ध कराना
यह सुनिश्चित करना कि वे नियमित रूप से विद्यालय आएँ
उन्हें घर पर करने के लिए अतिरिक्त दत्त-कार्य देना
उन्हें अगली पंक्ति में बैठाना और उनके काम का लगातार पर्यवेक्षण करना
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