विश्वसनीयता-छात्रों द्वारा प्राप्त अंकों में विचल न हो तथा पुन: मूल्यांकन के पश्चात भी अंक समान हो।
वस्तुनिष्ठता-परीक्षक की रूचि, भावना व दृष्टिकोण का मूल्यांकन पर प्रभाव नहीं पड़ता हो।
विभेदीकरण-मूल्यांकन सक्षम-असक्षम छात्रों में भेद करने की सामर्थ्य रखता हो।
वैधता-परीक्षक की रूचि, भावना व दृष्टिकोण का मूल्यांकन पर प्रभाव पड़ता हो ।
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