वृद्धि से आशा मात्रात्मक या परिमाणात्मक परिवर्तन से है जबकि विकास से आशय परिणामत्मक के साथ – साथ गुणात्मक परिवर्तन से है।
वृद्धि से आशय सामान्यत: शारीरिक परिवर्तन से है जबकि विकास से आशय शरीर के विभिन्न, शारीरिक, मानसिक तथा व्यवहारिक संगठन से है।
वृद्धि का मापन सही से किया जा सकता है लेकिन विकास को मापना कठिन है बल्कि उसका अवलोकन करते हैं।
वृद्धि का अर्थ व्यापक है जबकि विकास का अर्थ संकुचित है।
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