दलहन और तिलहन
जूट और कपास
गेहूँ और चावल
गन्ना और चाय
भारत में हरित क्रांति गेहूँ और चावल के जैसी फसलों के लिये वरदान साबित हुई है। वर्ष 1970 के दशक के मध्य कृषि में हरित क्रांति आयी जिसके परिणामस्वरुप खाद्य आत्मनिर्भरता प्राप्त हुई। इसका श्रेय नोबेल पुरस्कार से सम्मानित एकमात्र कृषि वैज्ञानिक डॉ. नोरमान बोरलॉग को जाता है। हरित क्रांति की सफलता का मुख्य कारण अधिक ऊपज देने वाले अनाज की किस्मों का प्रयोग था।
हरित क्रांति से भारत अपनी भूखमरी की समस्या को कम कर पाया है।
भारत में इसके जनक M.S. स्वामीनाथन थे।
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