जहां कृषि और उद्योग दोनों को समान महत्व दिया जाता है।
जहां राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में सार्वजनिक क्षेत्र के साथ-साथ निजी क्षेत्र भी विद्यमान हो।
जहां राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में भूमंडलीकरण की प्रक्रिया भारी मात्रा में स्वदेशी से प्रभावित हो।
जहां राष्ट्रीय नियोजन विकास में केंद्र और राज्यों की समान भागीदारी हो।
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