रुपक
दीनार
कर्षापण
शतमान
गुप्त वंश में स्वर्ण मुद्रा का प्रचलन अधिक था। इसके अतिरिक्त इस मुद्रा में कलात्मकता का भी अधिक्य था। उस समय जारी की गई मुद्रा को दिनार कहा जाता था। इन मुद्राओं का निर्माण कुषाण वंश द्वारा प्रयोग की गई स्वर्ण की मात्रा तुलनात्मक रूप से कम थी।
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