जीमूतवाहन
मालविकाग्निमित्रम्
मुद्राराक्षस
दशरुपक
कायस्थ शब्द का उल्लेख मुद्राराक्षस में मिलता है। मुद्राराक्षस संस्कृत का ऐतिहासिक नाटक है जिसके रचयिता विशाखदत्त हैं। इसकी रचना चौथी शताब्दी में हुई इसमें चाणक्य और चंद्रगुप्त मौर्य संबंधी ख्यात वृत्त के आधार पर विश्लेषण मिलता है।
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