चाचर भूमि
अग्रहार
सेवाग्राम
दान भूमि
सामान्यतः भूमि पर कृषक का ही स्वामित्व माना जाता है। मनु और गौतम जैसा स्मृतिकारों ने राजा को स्वामी माना है परंतु मनु दूसरी जगह कहते हैं कि प्राचीन काल में राजा सामान्यतः उपाधि के 1/6 भाग का अधिकारी माना गया राजा अपनी निजी भूमि से ही भूदान आदि करता था उसे अग्रहार कहा जाता है।
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