चाण्डलों का समाज बहिष्कृत के रुप में
दण्डन्याय की कठोरता का
मध्य देश में शांति एवं व्यवस्था का
आम लोगों में निरामिषता का
फाह्यान ने अपना संपूर्ण समय बौद्ध पुस्तकों के संकलन में बिताया परंतु फिर भी उसने चंद्रगुप्त द्वितीय के काल की राजनीतिक, धार्मिक, सामाजिक एवं आर्थिक अवस्था पर बहुत प्रकाश डाला। फाह्यान अपने वृतांत में चांडालों का समाज, मध्यप्रदेश में शांति व्यवस्था तथा आम लोगों को निरामिषता का उल्लेख करता है।
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