कुछ व्यक्तिगत अधिकार
अस्पृश्यता का उन्मूलन
कुछ धार्मिक अधिकार
सती का उन्मूलन
अनु. 17 में स्पष्ट उल्लेख है कि अस्पृश्यता का अंत किया जाता है और उसका किसी भी रूप में आचरण निषिद्ध किया जाता है। अस्पृश्यता से उपजी किसी निर्योग्यता को लागू करना अपराध होगा, जो विधि के अनुसार दण्डनीय होगा। इसे लागू करने हेतु 1955 में 'अस्पृश्यता' अपराध अधिनियम' 1976 में 'सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम' तथा 1989 में इसे और प्रभावी बनाते हुए 'क्रूरता निवारक अधिनियम' बना दिया गया।
Post your Comments