प्रशासनिक कार्यवाहियों में।
अर्धन्यायिक कार्यवाहियों में।
न्यायिक कार्यवाहियों में।
उपरोक्त लिखित प्रत्येक कार्यवाही में।
नैसर्गिक न्याय के सिद्धान्त प्रशासनिक, अर्धन्यायिक एवं न्यायिक कार्यवाही में लागू होते हैं। नैसर्गिक न्याय के सिद्धान्त निम्नलिखित है- 1. कोई भी व्यक्ति अपने मामलों में तथ्यों को आँकने वाला नहीं होगा। 2. व्यक्ति को यथोचित अवसर दिए बिना उसके विरूद्ध कोई भी निर्णय नहीं लिया जाएगा। 3. किसी भी व्यक्ति को दोहरे संकट में नहीं डाला जाएगा।
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