धर्म की स्वतंत्रता से
निजी स्वतंत्रता से
आर्थिक समानता से
सामजिक स्वतंत्रता से
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 25 प्रत्येक व्यक्ति को अन्त:करण की और धर्म को अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता देता है। समाज कल्याण एवं समाज सुधार के आधार पर अनु. 25 में यह भी स्पष्टीकरण दिया गया हैं कि हिन्दू धर्म की धार्मिक संस्थाओं को हिन्दुओं के सभी वर्गों के लिए खोला जा सकता है। इस उद्देश्य के लिए हिन्दू धर्म में बौद्ध, जैन एवं सिक्ख धर्म सम्मिलित है।
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