अनुच्छेद 17
अनुच्छेद 18
अनुच्छेद 21
अनुच्छेद 22
अनुच्छेद 17 के अनुसार किसी भी प्रकार की अस्पृश्यता (छुआ-छूत) का अन्त किया जाता है और उसकी किसी भी रूप में आचरण निषिद्ध किया जाता है। अस्पृश्यता से उपजी किसी निर्योग्यता को लागू करना दण्डनीय अपराध होगा। इस अनुच्छेद का मूल उद्देश्य समाज से भेदभाव को खत्म करना है।
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