कुंवर सिंह
तात्या टोपे
नाना साहेब
मंगल पाण्डेय
तात्या टोपे (1814-1859 ई.) को रामचंद्र पांडुरंग के नाम से भी जाना जाता है। वे 1857 के भारतीय विद्रोह के प्रमुख नेता थे। उनके एक विश्वसनीय मित्र मानसिंह ने उन्हें धोखा देकर उस समय पकड़वा दिया जब वे पारो के जंगलों में अपने कैम्प में शयन कर रहे थे। यहां से उन्हें पकड़कर शिवपुरी लाया गया जहां सैनिक अदालत द्वारा 18 अप्रैल, 1859 को उन्हें फांसी दे दी गई।
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