दयाराम गिंडुमल
डी.के. कर्वे
रमाबाई
महादेव गोविंद रानाडे
डी.के. कर्वे के प्रयत्नों से बंबई में प्रथम महिला विश्वविद्यालय की स्थापना 1916 में हुई। महाराष्ट्र के समाज सुधारक एवं सामाजिक कार्यकर्ता थे। 1896 ई. में उन्होंने पूना में विधवा गृह की स्थापना की थी। उन्होंने स्वयं एक ब्राह्मणी विधवा से विवाह किया था। वर्ष 1958 में इन्हें 'भारत रत्न' प्रदान किया गया।
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