महालेखा परीक्षक
महान्यायवादी
सॉलिसिटर जनरल
लोक सभा के सचिव
संविधान के अनु. 76 में भारत के महान्यायवादी की नियुक्ति, योग्यता, पदावधि, वेतन, कार्य तथा अधिकारों का उल्लेख है। इसकी नियुक्ति मंत्रिमण्डल की सलाह पर राष्ट्रपति करता है। महान्यायवादी भारत का प्रथम विधिक अधिकारी होता है। संसद के किसी भी सदन में इसे अपने विचार प्रकट करने का अधिकार है, लेकिन मतदान का अधिकार नहीं है। महान्यायवादी एकमात्र ऐसा व्यक्ति होता है जो संसद सदस्य न होते हुए भी संसद की कार्यवाही में भाग लेता है।
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