विशेषाधिकार मत
विशेषाधिकार प्रस्ताव
मतदान करना
अधिमत
लोकसभा अध्यक्ष सामान्य स्थिति में मत नहीं देता है । परन्तु बराबरी की स्थिति में वह मत दे सकता है । दूसरे शब्दों में किसी मुद्दे पर अगर सदन सामान्य रूप से विभाजित हो तो वह अपने मत का प्रयोग कर सकता है । ऐसे मत को निर्णायक मत कहा जाता है और इसका तात्पर्य गतिरोध को समाप्त करना है । इस प्रकार स्पीकर द्वारा मत डालने को मतदान करना कहा जाता है ।
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