चम्पारण सत्याग्रह के दौरान
रौलेट एक्ट के विरुद्ध सत्याग्रह के दौरान
1919 ई. में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अमृतसर अधिवेशन में
खिलाफत आंदोलन के आरंभ में समय
गांधीजी द्वारा चम्पारण सत्याग्रह का सफल नेतृत्व करने के कारण रबींद्रनाथ टैगोर ने पहली बार उन्हें ‘महात्मा’ कहा।
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