मौलाना आजाद
खान अब्दुल गफ्फार खां
मोहम्मद अली जिन्ना
इकबाल
सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930 ई.) के दौरान पेशावर में गढ़वाल रेजीमेंट के सिपाहियों ने चंद्रसिंह गढ़वाली के नेतृत्व में निहत्थी भीड़ पर गोली चलाने से इंकार कर दिया था। ध्यातव्य है कि इस इलाके में खान अब्दुल गफ्फार खां वर्षों से सक्रिय थे और उनके द्वारा जनता में किए गए काम की वजह से अहिंसक क्रांतिकारियों के बहादुर जत्थे यानी खुदाई खिदमतगारों के दल तैयार हुए थे, ये लोग 'लाल कुर्ती' के नाम से जाने जाते थे। सविनय अवज्ञा आंदोलन में इनकी भूमिका काफी सक्रिय थी
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