1 और 2
3 और 4
2 और 3
1 और 4
वर्ष 1935 के भारत सरकार अधिनियम के आधार पर फरवरी, 1937 में प्रांतीय विधानमंडलों के चुनाव हुए जिनमें कांग्रेस ने अपने प्रतिद्वंद्वी दलों का सफाया करते हुए पांच प्रांतों-मद्रास (65 प्रतिशत मतों के साथ 215 में से 159 सीटें), बिहार (75 प्रतिशत मतों के साथ 152 में से 98 सीटें), संयुक्त प्रांत (65 प्रतिशत मतों के साथ 228 में से 134 सीटें), मध्य प्रांत एवं बरार (61 प्रतिशत मतों के साथ 112 में से 70 सीटें) तथा उड़ीसा (60 प्रतिशत मतों के साथ 60 में से 36 सीटें) में पूर्ण बहुमत प्राप्त किया। कांग्रेस बंबई (175 में से 86) असम तथा उत्तर पश्चिम प्रांत में सबसे बड़े दल के रूप में उभरी। केवल बंगाल, पंजाब तथा सिंध में ही कांग्रेस सबसे बड़े दल बनने से वंचित रही। जुलाई, 1937 के दौरान 6 प्रांतों में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने अपने मंत्रिमंडल गठित किए। ये प्रांत थे- मद्रास, बंबई, मध्य प्रांत, उड़ीसा, बिहार और संयुक्त प्रांत। बाद में पश्चिमोत्तर प्रांत और असम में भी कांग्रेस ने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर गठबंधन मंत्रिमंडल बनाया।
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