माध्यमिक और योगाचार
विज्ञानवाद और स्थविरवाद
महासंधिक और थेरवाद
आचार्यवाद और सर्वास्तिवाद
महायान बौद्धमत की दो दार्शनिक शाखाएं माध्यमिक या शून्यवाद तथा विज्ञानवाद या योगाचार है। शून्यवाद के प्रवर्तक नागार्जुन हैं। इस मत को सापेक्षवाद भी कहा जाता है। इसके अनुसार प्रत्येक वस्तु किसी न किसी कारण से उत्पन्न हुई है। नागार्जुन ने प्रकृति के समुत्पाद को ही शून्यता कहा है।
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