गन्धार एवं अजन्ता
मथुरा एवं अमरावती
मथुरा एवं गन्धार
अजन्ता एवं अमरावती
कुषाण शासक कनिष्क के समय में भारत में दो नवीन कला शैलियों का जन्म हुआ जिसे गान्धार एवं मथुरा कला शैली कहा जाता है। गान्धार शैली को इण्डो-ग्रीक शैली या ग्रीक-बुद्धिष्ट शैली भी कहा जाता है। इसमें बुद्ध एवं बोधिसत्वों की मूर्तियाँ काले स्लेटी पाषाण से बनायी गयी हैं। परन्तु बुद्ध की प्रथम मूर्ति के निर्माण का श्रेय मथुरा कला को दिया जाता है। इस शैली में लाल बलुआ पत्थर का प्रयोग किया गया है। मथुरा कला शैली में बौद्ध धर्म के साथ-साथ जैन एवं हिन्दू धर्म से सम्बन्धित मूर्तियाँ भी बनायी गयीं। इस प्रकार कुषाण काल से गौतम बुद्ध की मूर्तियों की पूजा प्रारम्भ हो गयी थी।
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