प्राचीन भारत में एक जैन साधु का जीवन कितनी प्रतिज्ञाओं से अनुशासित था -

  • 1

    चार

  • 2

    पांच

  • 3

    छः

  • 4

    सात

Answer:- 2
Explanation:-

जैन धर्म के चौबीसवें तीर्थंकर महावीर स्वामी का अपने पूर्वगामी तीर्थंकर पार्श्वनाथ से दो बातों में मतभेद था। पार्श्वनाथ ने भिक्षुओं के लिए केवल चार व्रतों का विधान किया था - अहिंसा, सत्य, अस्तेय (चोरी न करना), तथा अपरिग्रह (धन संचय का त्याग)। परन्तु महावीर स्वामी ने इसमें एक पाँचवाँ महाव्रत ब्रह्मचर्य भी जोड़ दिया तथा उसका पालन करना अनिवार्य बताया। दूसरा मतभेद यह था कि पार्श्वनाथ ने भिक्षुओं को वस्त्र धारण करने की अनुमति प्रदान की परन्तु महावीर स्वामी ने उन्हें नग्न रहने का उपदेश दिया। अहिंसा, सत्य, अस्तेय, अपरिग्रह, ब्रह्मर्च - ये पाँच महाव्रत हैं जिनका पालन जैन साधुओं के लिए अनिवार्य किया गया था।

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