बौद्ध धर्म की हीनयान शाखा
बौद्ध धर्म की महायान शाखा
निर्ग्रन्थ मत
वैष्णव मत
पांचरात्र एक धार्मिक सम्प्रदाय है जिसका तादात्म्य वैष्णव धर्म के साथ स्थापित किया जाता है। जब प्राचीन भागवत धर्म के इष्टदेव कृष्ण-विष्णु का सम्बन्ध नारायण से जोड़ा गया तब वैष्णव धर्म की एक संज्ञा पांचरात्र धर्म हुयी। ऐसा इसलिये हुआ क्योंकि नारायण के उपासक पांचरात्र कह जाते थे। नारायण का सर्वप्रथम उल्लेख ब्राह्मण ग्रन्थों में मिलता है। उन्हें शतपथ ब्राह्मण में ‘परमपुरुष’ कहा गया जिसमें सभी लोक, देवता, वेद तथा प्राण प्रतिष्ठित हैं। नारायण ने ही सभी का अतिक्रमण करने के उद्देश्य से पांचरात्र यज्ञ किया जिसके बाद वे सर्वोच्च और सर्वव्यापी बन गये। बाणभट्ट की प्रसिद्ध कृति ‘हर्षचरित’ में पांचरात्र तथा भागवत सम्प्रदायों का एक साथ उल्लेख किया गया है। पांचरात्र के अन्तर्गत वासुदेव विष्णु के साथ चार अन्य व्यक्तियों संकर्षण, प्रद्युम्न, साम्ब और अनिरुद्ध की उपासना की जाती है।
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