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संविधान के अनु. -40 में राज्य को पंचायती राज संस्थाओं के विकास का दायित्व सौंपा गया है। 1957 में बलवंत राय मेहता समिति ने इस संदर्भ में पंचायती राज व्यवस्था का त्रिस्तरीय ढाँचा प्रस्तुत किया अर्थात ग्राम, माध्यमिक और जिला स्तर पर पंचायत। सर्वप्रथम 2 अक्टूबर 1959 को राजस्थान के नागौर जिले में पंचायती राज व्यवस्था लागू की गयी। उसी वर्ष यह व्यवस्था आंध्र प्रदेश में भी लागू की गयी। 73 वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 के द्वारा भारतीय संविधान में 11 वीं अनुसूची जोड़कर पंचायती राज संस्थाओं के विषयों को स्पष्ट कर दिया। संविधान के भाग-9 (अनु. 243) में पंचायतों की संरचना, आरक्षण, अवधि, शक्तियाँ आदि को स्पष्ट कर दिया गया है। अशोक मेहता समिति ने द्विस्तरीय पंचायती राज पद्धति की सिफारिश की थी।
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