इन्दिरा साहनी बनाम भारतीय संघ
विशाखा बनाम राजस्थान राज्य
चम्पकम दोरैराजन बनाम मद्रास राज्य
केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य
केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य के वाद (1973) में उच्चतम न्यायालय ने यह निर्णित किया कि संसद संविधान के किसी भी भाग में संशोधन कर सकता है लेकिन संविधान के मूल ढाँचे को नष्ट नहीं कर सकता है और न ही उसे बदल सकता है। इस प्रकार इस मामले में संविधान के मूलभूत ढाँचे (आधार भूत ढांचे) का सिद्धान्त अस्तित्व में आया।
Post your Comments