स्ट्रैवो
मेगस्थनीज
फाह्यान
ह्वेनसांग
मौर्य सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य के दरबार में सेल्यूकस के राजदूत के रुप में आने वाले ग्रीक राजदूत मेगस्थनीज के अनुसार भारत (आधुनिक बांग्लादेश) में दास प्रथा नहीं थी। डायोडोरस ने लिखा है, “कानून के अनुसार उनमें से कोई भी किसी भी परिस्थिति में दास नहीं हो सकता। मेगस्थनीज को ही उद्धृत करते हुए स्ट्रेबो लिखता है कि “भारतीयों में किसी ने अपनी सेवा में दास नहीं रखे।” एक अन्य स्थल पर स्ट्रेबो ने कहा है कि “चूँकि उनके पास दास नहीं है अतः उन्हें बच्चों की अधिक आवश्यकता होती है।”
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