बोधगया
लुम्बिनी
पाटलिपुत्र
सारनाथ
अशोक के रुम्मिनदेई स्तम्भ लेख से ज्ञात होता है कि उसने अपने अभिषेक के 20वें वर्ष लुम्बिनी की यात्रा की और वहाँ पर बलि (धार्मिक कर) को माफ कर दिया। इस प्रकार रुम्मिनदेई स्तम्भ लेख से मौर्यों की कर प्रणाली पर प्रकाश पड़ता है। अशोक ने लुम्बिनी में भूमिकर को घटा कर 1/8 भाग कर दिया था।
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