जैलसिंह
नीलम संजीव रेड्डी
फखरूद्दीन अली अहमद
वीवी गिरी
42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 को लघु संविधान का दर्जा दिया जाता है। यह अब तक का सबसे बड़ा और सर्वाधिक विवादास्पद संविधान संशोधन था। इसके द्वारा संविधान में 2 नये अध्याय 4(क), 14(क) और 9 नये अनु. 39(क), 43(क), 131(क), 145(क), 127(क), 128(क) और 257(क) जोड़े गये थे तथा 52 अनुच्छेदों में संशोधन किया गया। उस समय भारत के राष्ट्रपति फखरूद्दीन अली अहमद (1974 से 1977 तक) थे। इसके प्रमुख प्रावधान-
(i) प्रस्तावना में समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, एकता और अखण्डता शब्द जोड़ा गया।
(ii) सभी निर्देशक सिद्धान्तों की मौलिक अधिकारों पर सर्वोच्चता सुनिश्चित की गयी।
(iii) भाग 4(क) तथा अनु0 51(क) जोड़कर नागरिकों को 10 मूल कर्तव्यों को शामिल किया गया।
(iv) लोकसभा तथा विधान सभाओं का कार्यकाल 5 से 6 वर्ष कर दिया गया।
(v) संसद द्वारा किये गये संविधान संशोधन को न्यायिक परीक्षण से मुक्त कर दिया गया है।
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