प्रभु शिव भक्त
बड़ी-बड़ी पदवियाँ धारण करते थे जो शक्ति तथा ख्याति का प्रतीत थीं
दैवीय राजतंत्र में विश्वास रखते थे
अपने सिक्कों पर संस्कृत में लेख लिखवाते थे
कुषाण राजाओं ने चीनी राजाओं की तरह देवपुत्र जैसी पदवियाँ धारण की जो दैवीय राजतंत्र में उनके विश्वास को प्रदर्शित करता है। कनिष्क के पूर्ववर्ती शासक विमकडफिसेस के सिक्को पर खरोष्ठी लिपि में महाराजाधिराज सर्वलोक ईश्वर महेश्वर विमकडफिसस ततरस् का उल्लेख है।
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