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उष्णकटिबंधीय भारी वर्षा के कारण होने वाली तीव्र विक्षालन क्रिया के परिणामस्वरूप लैटेराइट मिट्टी का निर्माण हुआ है। ये आर्द्र प्रदेशों की अपक्षीलित मिट्टियां हैं जिनकी उर्वरता कम होती है। इस मिट्टी में लौह ऑक्साइड एवं एल्युमीनियम ऑक्साइड की प्रचुरता होती है परंतु इसमें नाइट्रोजन, फास्फोरिक अम्ल, पोटाश, चूना और कार्बनिक तत्वों की कमी मिलती है। यह मिट्टी भारत के 1.26 लाख वर्ग किमी. क्षेत्र पर विस्तृत है। इसका सर्वाधिक विस्तार केरल राज्य (मालाबार तटीय प्रदेश) में और इसके बाद महाराष्ठ्र में है।
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