भास्कर ने
शशांक ने
ध्रुवसेन ने
पुलकेशिन द्वितीय ने
कर्नाटक के बीजापुर में स्थित बादामी के निकट बहुत प्राचीन स्थान है। इसी एहोड़ और आइहोल के नाम से भी जाना जाता है। यहां से चालुक्य नरेश पुलकेशिन द्वितीय का 634 ईसवी का एक अभिलेख प्राप्त हुआ है। यह प्रशस्ति के रूप में है और संस्कृत काव्य परंपरा में लिखा गया है। इसका रचयिता जैन कवि रवि कीर्ति था। इस अभिलेख में पुलकेशी द्वितीय की विजयों का वर्णन हैं।
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