RBI द्वारा घोषित ‘कोषों की सीमांत लागत पर आधारित उधारी दर’ [Marginal Cost of Funds based Lending Rate (MCLR)] का/के उद्देश्य क्या है/हैं -
1. ये दिशा-निर्देश उधारों की ब्याज दरें निर्धारित करने हेतु बैंकों द्वारा अपनाई गई विधि में पारदर्शिता बढ़ाने में मदद करते हैं।
2. ये दिशा-निर्देश बैंक साख की उपलब्धता ऐसी ब्याज दरों पर सुनिश्चित करने में मदद करते हैं जो ऋण लेने वाले एवं बैंक दोनों के लिए न्याय संगत है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए -

  • 1

    केवल 1

  • 2

    केवल 2

  • 3

    1 और 2 दोनों

  • 4

    न तो 1, न ही 2

Answer:- 3
Explanation:-

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अग्रिमों पर ब्याज दरों के निर्धारण हेतु ‘कोषों की सीमांत लागत पर आधारित उधारी दर’ (MCLR) प्रविधि के परिपालन हेतु अंतिम दिशा-निर्देश 17 दिसंबर, 2015 को जारी किए गए थे, जो 1 अप्रैल, 2016 से प्रभावी हो गए हैं। MCLR पद्धति बैंकों की उधार दरों की नीति दरों के प्रति संवेदनशीलता के अलावा, अग्रिमों पर ब्याज दरों के निर्धारण के लिए बैंकों द्वारा अपनाई जा रही पद्धति में पारदर्शिता को भी बेहतर बनाएगी।

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